बालक घुघूती का जीवन कौओं ने कैसे बचाया

आज उसी की याद में माघ के पहले दिन सारे कुमांऊ में कौव्वो को बुलाते है – “काले कव्वा- काले कव्वा, घुघूती माला खाले” करके बच्चें कौव्वों को बुलाते है।